Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Devi

आ गई है मैया गली गली में शोर,

आ गई है मैया गली गली में शोर, मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर... इधर घूमाए चाहे उधर घूमाए, जिस ओर चाहे मैया मुझको नचाए,  नाच रही मैं ऐसे जैसे बन में नाचे मोर,  मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...   जिससे भी चाहे मैया पैच लड़ाए,  पास बुलाए चाहे दूर भगाएं,  कटु या वापस आऊ मेरा चले ना कोई जोर,  मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...  रंग बिरंगी मां ने मुझको बनाया,  सुख और दुख का है मेल कराया,  मां के हाथ में डोरी वह ले ले जिसकी ओर,  मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...  दूर गगन में मैं तो उड़ती ही जाऊं, डर लगता है कहीं कट नहीं जाऊं,  रास्ता नहीं सूझे चहू नीला घनघोर,  मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...  आ गई है मैया गली गली में शोर,  मैं बनी पतंग मेरी मैया बन गई डोर...